अमरूद
प्रश्न- अमरूद का भण्डारण कैसे करे?
उत्तर- अमरूद का भण्डारण जीरो एनर्जी कूल चेम्बर में कर सकते है। चेम्ब्र के अन्दर का तापमान बाहर के तापमान से 12 से 14 डिग्री सेल्सियस तक कम रहता है। इसमें फल एवं सब्जियों को लगभग 10 से 15 दिनों तक भण्डारित किया जा सकता है।
प्रश्न- अमरूद में उस कीट का नियंत्रण कैसे करें जो पेड़ के तने पर रिबन की तरह जाल बनाते है जिसके अन्दर गिडार छाल को खाकर नुकसान पहुंचाते हैं।
उत्तर- इस कीट के नियंत्रण के लिए कारटैप हाइड्रो क्लोराइड 200 से 300 ग्राम दवा प्रति 200 लीटर पानी का घोल बनाकर पेड के तनों पर छिड़काव करें। इस प्रक्रिया को 10 से 15 दिन के अंतराल पर दोहरायें तथा मैलाथियान 500 मिली. दवा 200 लीटर पानी में घोल बना कर पेड़ों पर छिड़काव करें।
प्रश्न – अमरूद के गूदे को खाने वाली सुझडी का नियंत्रण बतायें ?
उत्तर- ये फल की मक्खी के कारण होता हैं मैलाथियान 500 मिली. लीटर दवा 200-250 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इस प्रक्रिया को 10 दिन के बाद दोहरायें।
प्रश्न – अमरूद की डालियों की छाल फटने से पेड़ के सूखने से बचाव
उत्तर- बाविस्टीन, डाइथेन एम-45 दवा के मिश्रण की 300 से 400 ग्राम मात्रा व बोरेक्स 600 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करें। इस प्रक्रिया को 3 से 4 बार 10 से 15 दिन के अन्तराल पर दोहरायें।
प्रश्न- 10 साल के अमरूद के पौधे में फल नहीं लगता ? उपाय बतायें ?
उत्तर- सूखी टहनियों को समय से काटकर निकाल दें पौधे को मार्च से जून तक 4 बार सींचें। पूरी तरह से विकसित पौधे जिनकी उम्र लगभग 10 वर्ष हो इनके लिए 60 किलोग्राम गोबर की खाद, 250 ग्राम अमोरियम सल्फेट 1.25 किलोग्राम पोटेशियम सल्फेट तथा उतनी ही मात्रा सुपर फास्फेट दें। बगीचे की उचित देखभाल व कीट व रोग की रोकथाम का विशेष ध्यान रखें।
प्रश्न- अमरूद में खाद उर्वरक कब व कितना डालते हैं ?
उत्तर- गोबर की खाद 5 किलों, कैन 200 ग्राम, फास्फोरस 250 ग्राम, पोटाश 150 ग्राम, प्रति वर्ष व प्रति पौधा दें।
प्रश्न- अमरूद में फलों पर खुरदरे धब्बे जो आपस में मिलकर बड़े हो जाते हैं से बचाव बतायें ?
उत्तर- डाईथेन एम-45 की 500 ग्राम मात्रा प्रति 200 लीटर पानी में मिलाकर 3 से 4 बार 10 से 15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें।
प्रश्न- अमरूद के काले पड़ने से बचाव बतायें ?
उत्तर- ये ऐंथ्रैक्नोज रोग है इसके लिए 1 ग्राम कार्बेन्डाजीम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
प्रश्न- अमरूद में फल छोटा होने और फूल कम आने पर नियंत्रण ?
उत्तर- अमरूद की फसल में खाद एवं उर्वरक की मात्रा लगभग 100 किलो गोबर की खाद, 3 किलो कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट, 2.5 किलो सुपर फास्फेट, 2 किलो पोटाश, 1 किलो बोरोन प्रति पौधा के हिसाब से लें। बरसात की फसल न लें। सिंचाई का विशेष ध्यान रखें।
प्रश्न- अमरूद के फलों में कीटों का नियंत्रण?
उत्तर- कीटों के नियंत्रण के लिए मैलाथियान या क्लोरोपाइरीफास की 2 से 3 मिली. प्रति लीटर मात्रा पानी के हिसाब से या 200 लीटर के टंकी के अन्दर 400-500 मिली. दवा एवम् 5-6 किलो गुड़ मिलाकर छिड़काव करें। इस प्रक्रिया को 15-20 दिन के बाद दोहरायें।
प्रश्न- अमरूद में खरपतवार का नियंत्रण
उत्तर- अमरूद में खरपतवार नियंत्रण के लिए समय-समय पर निराई-गुडाई करें एवं रासायनिक खरपतवार नियंत्रण के लिए ग्रेमेक्सोन की 2 से 3 मिली. मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
प्रश्न- अमरूद का भण्डारण कैसे करे?
उत्तर- अमरूद का भण्डारण जीरो एनर्जी कूल चेम्बर में कर सकते है। चेम्ब्र के अन्दर का तापमान बाहर के तापमान से 12 से 14 डिग्री सेल्सियस तक कम रहता है। इसमें फल एवं सब्जियों को लगभग 10 से 15 दिनों तक भण्डारित किया जा सकता है।
प्रश्न- अमरूद में उस कीट का नियंत्रण कैसे करें जो पेड़ के तने पर रिबन की तरह जाल बनाते है जिसके अन्दर गिडार छाल को खाकर नुकसान पहुंचाते हैं।
उत्तर- इस कीट के नियंत्रण के लिए कारटैप हाइड्रो क्लोराइड 200 से 300 ग्राम दवा प्रति 200 लीटर पानी का घोल बनाकर पेड के तनों पर छिड़काव करें। इस प्रक्रिया को 10 से 15 दिन के अंतराल पर दोहरायें तथा मैलाथियान 500 मिली. दवा 200 लीटर पानी में घोल बना कर पेड़ों पर छिड़काव करें।
प्रश्न – अमरूद के गूदे को खाने वाली सुझडी का नियंत्रण बतायें ?
उत्तर- ये फल की मक्खी के कारण होता हैं मैलाथियान 500 मिली. लीटर दवा 200-250 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इस प्रक्रिया को 10 दिन के बाद दोहरायें।
प्रश्न – अमरूद की डालियों की छाल फटने से पेड़ के सूखने से बचाव
उत्तर- बाविस्टीन, डाइथेन एम-45 दवा के मिश्रण की 300 से 400 ग्राम मात्रा व बोरेक्स 600 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करें। इस प्रक्रिया को 3 से 4 बार 10 से 15 दिन के अन्तराल पर दोहरायें।
प्रश्न- 10 साल के अमरूद के पौधे में फल नहीं लगता ? उपाय बतायें ?
उत्तर- सूखी टहनियों को समय से काटकर निकाल दें पौधे को मार्च से जून तक 4 बार सींचें। पूरी तरह से विकसित पौधे जिनकी उम्र लगभग 10 वर्ष हो इनके लिए 60 किलोग्राम गोबर की खाद, 250 ग्राम अमोरियम सल्फेट 1.25 किलोग्राम पोटेशियम सल्फेट तथा उतनी ही मात्रा सुपर फास्फेट दें। बगीचे की उचित देखभाल व कीट व रोग की रोकथाम का विशेष ध्यान रखें।
प्रश्न- अमरूद में खाद उर्वरक कब व कितना डालते हैं ?
उत्तर- गोबर की खाद 5 किलों, कैन 200 ग्राम, फास्फोरस 250 ग्राम, पोटाश 150 ग्राम, प्रति वर्ष व प्रति पौधा दें।
प्रश्न- अमरूद में फलों पर खुरदरे धब्बे जो आपस में मिलकर बड़े हो जाते हैं से बचाव बतायें ?
उत्तर- डाईथेन एम-45 की 500 ग्राम मात्रा प्रति 200 लीटर पानी में मिलाकर 3 से 4 बार 10 से 15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें।
प्रश्न- अमरूद के काले पड़ने से बचाव बतायें ?
उत्तर- ये ऐंथ्रैक्नोज रोग है इसके लिए 1 ग्राम कार्बेन्डाजीम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
प्रश्न- अमरूद में फल छोटा होने और फूल कम आने पर नियंत्रण ?
उत्तर- अमरूद की फसल में खाद एवं उर्वरक की मात्रा लगभग 100 किलो गोबर की खाद, 3 किलो कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट, 2.5 किलो सुपर फास्फेट, 2 किलो पोटाश, 1 किलो बोरोन प्रति पौधा के हिसाब से लें। बरसात की फसल न लें। सिंचाई का विशेष ध्यान रखें।
प्रश्न- अमरूद के फलों में कीटों का नियंत्रण?
उत्तर- कीटों के नियंत्रण के लिए मैलाथियान या क्लोरोपाइरीफास की 2 से 3 मिली. प्रति लीटर मात्रा पानी के हिसाब से या 200 लीटर के टंकी के अन्दर 400-500 मिली. दवा एवम् 5-6 किलो गुड़ मिलाकर छिड़काव करें। इस प्रक्रिया को 15-20 दिन के बाद दोहरायें।
प्रश्न- अमरूद में खरपतवार का नियंत्रण
उत्तर- अमरूद में खरपतवार नियंत्रण के लिए समय-समय पर निराई-गुडाई करें एवं रासायनिक खरपतवार नियंत्रण के लिए ग्रेमेक्सोन की 2 से 3 मिली. मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
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