Tuesday, October 14, 2008

मुलाकात 1

एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर,हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर,मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना,हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर

1 comment:

परमजीत सिहँ बाली said...

एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर,
हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर,
मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना,
हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर

बहुत बढिया!!