आम
प्रश्न- आम में खाद एवं उर्वरकों की कितनी मात्रा होती है ?
उत्तर- अमोनिया सल्फेट, सुपर फास्फेट और म्युरेट ऑफ पोटाश का 1:3:1 का मिश्रण तैयार कर लिया जाता है और पौधे की आयु के हिसाब से उसकी नीचे लिखी मात्राएं प्रयोग की जाती हैं।
पौधे की आयु (वर्षो में)
उर्वरक-मिश्रण (कि.ग्रा)
गोबर की खाद (कि.ग्रा)
1
0.5
10
2
1
20
3
1
30
4
1.5
40
5
1.5
40
6-10
2 से 2.5
40
11 – 15
3 से 5
60
15 के ऊपर
5 से 10
60
तीन साल तक की आयु वाले पौधों के खाद, 2 खुराकों में क्रमश: मार्च और जून में देनी चाहिए। फल वाले वृक्षों में उर्वरकों के मिश्रण की आधी खुराक जुलाई के महीने में और शेष आधी खुराक अक्टूबर के महीने में दी जानी चाहिए।
प्रश्न- आम की मुलायम पत्तियां व शाखाओं से रस सूचने वाले कीट की राकथाम ?
उत्तर- जनवरी के महीने से या कली फटने की अवस्था से हर 20 दिन के अन्तर पर वृक्षों पर कोनफिडोर की 100 मि.ली दवा प्रति 200 लीटर पानी में मिलाकर या 0.2 प्रतिशत मैलाथियान का छिड़काव कम से कम दो-तीन बार अवश्य करें।
प्रश्न- आम के पौधों में उन कीड़ों की रोकथाम जो कोशिका से रस चूस लेते हैं, जिससे मुलायम शाखायें और मंजरियां सूख जाती हैं तथा अधपके फल गिर जाते हैं।
उत्तर- गर्मियों में पेड़ के आस-पास की मिट्टी की गुड़ाई करने से इस कीड़े के अण्डे नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा पौधें के मुख्य तने के जमीन के पास वाले भाग पर 30 से.मी. चौडी अल्काथीन या प्लांस्टिक की एक मिट्टी लपेट देने से व उस पर कोई चिकना पदार्थ लगाने से इस कीड़े के शिशु पेड़ पर नहीं चढ़ पाते। इसके अलावा पेड़ के चारों तरफ 2 प्रतिशत मिथाइल पैराथियान को पौधे के जड़ों में डालें।
प्रश्न- आम की गुठली में छेद करके उसे खाने वाली इल्ली की रोकथाम ?
उत्तर- इसकी रोकथाम के लिए जो भी फल पेड़ से गिर पड़े उसे तथा पेड़ की सूखी पत्तियों और शाखाओं को इकटठा करके नष्ट कर दें और क्लोरोपाइरीफास और साइपरमैथरीन के मिश्रण की 2 मि.ली दवा प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
प्रश्न- आम के पौधे में तने पर छिद्र करके जाला बुनने वाले कीट की रोकथाम?
उत्तर- इस कीट की रोकथाम के लिये इसके द्धारा बनाये गये छिद्रों को किसी पतले तार से साफ करके उनमें 0.3 से 0.4 प्रतिशत क्लोरोपाइरीफास में रूई भिगोकर छेद में डाल कर बंद कर देना चाहिए।
प्रश्न- आम के पौधे में कब और कितनी बार सिंचाई की जाती है ?
उत्तर- कम आयु वाले पौधों को गर्मियों के मौसम में हर सप्ताह और सर्दियों के मौसम में हर पखवाड़े सींचाना चाहिए। जिन वृक्षों पर फल आ रहे हो उन्हें फल आने की अवस्था से लेकर फलों के पकने की अवस्था तक हर 10 दिन के बाद सींचना चाहिए।
प्रश्न – आम के पत्तों पर सफेद चूर्ण पड़ने से मंजरियां और फूल सूखकर गिर जाते हैं। उपाय बताएं ?
उत्तर – इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते ही आम के पेडों पर 0.2 से 0.3 प्रतिशत वाले गंधक के घोल का छिड़काव करे। इसके अलावा 250 लीटर पानी में 500 ग्राम कैराथेन घोल का छिड़काव करें।
प्रश्न – आम के पत्तों, शाखाओं ओर फूलों जैसे मुलायम भागों पर गहरे भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। उपाय बताये ?
उत्तर – प्रभावित पौधों पर 0.2 प्रतिशत जिनैब का छिड़काव करें इसके 15 दिन बाद 0.3 प्रतिशत कॉपर आक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें।
प्रश्न – आम के उस रोग से रोकथाम जिसमें पूरा और नपुंसक फलों का एक ठोस गुच्छा बन जाता है।
उत्तर – प्रभातिव बौर और शाखाओं को तोड़ दें। इसके अलावा अक्टूबर के महीने में प्लेनोफिक्स की एक मिली. मात्रा 4.5 लीटर पानी का घोल बनाकर छिड़काव करें और कलियां आने की अवस्था में जनवरी के महीने में पेड़ के बौर तोड़ दें।
प्रश्न – आम के उस रोग का नियंत्रण जिसमें पत्तियां पीली पड़ जाती है और मुरझा जाती हैं
उत्तर – प्रभावित पौधों पर कार्बेन्डाजिम 25 ग्राम 10 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें एवं जड़ों के आस- पास डाल दें या डायथेन एम-45 की 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल का छिड़काव करें इसके 10 -15 बाद 0.5 प्रतिशत यूरिया का छिड़काव करें।
प्रश्न- 5 वर्ष के बीज जनित आम के पेड़ में फल नहीं लगने का कारण बताएं ?
उत्तर – आम के पेड़ जो बीज से जनित पेड़ होते हैं वो फल बहुत देर से देते हैं जब पेड़ आकार में भारी जो जातें हैं। इस तरह के पेड़ 10 साल बाद ही फल देना शुरू करते हैं।
प्रश्न – आम के पेड़ में पिछले पांच वर्षो से फल नहीं आ रहें हैं। उपाय बायें ?
उत्तर – आम की पुरानी शाखाएं काट दें तथा कटाई – छंटाई समय पर करें। इसमें पेड़ के तने से 2 फीट दूरी पर गड्ढ़ा किया जाता है और एक पेड़ में 3.0 ग्राम पेक्लोब्यूट्राजोल या कल्टार को मिट्टी में मिलाकर सितंबर के महिने में प्रति पेड़ की दर से डालना चाहिए तथा मिट्टी की जांच करायें।
प्रश्न- आम के पौधों में जड़ सड़न रोग की रोकथाम ?
उत्तर – खाद एवं उर्वरक देते समय ट्राइकोडर्मा की 4-5 ग्राम मात्रा प्रति किलो सड़ी हुई गोबर की खाद में मिला कर पौधे की जड़ों में दें तथा इसके साथ बाविस्टीन की 2 ग्राम प्रति लीटर पानी का घोल बनाकर दें।
प्रश्न – 8 वर्षीय आम के पेड़ में अच्छी फलत लगने के उपाय ?
उत्तर – गोबर की खाद लगभग 89 किलो, नाइट्रोजन 200 ग्राम ऑफ ईयर (फल न आने वाला वर्ष) में व ऑन ईयर (फल आने वाला वर्ष) में 400 ग्राम, अन्य सभी की मात्रा ऑन ईयर और ऑफ ईयर के लिए बराबर दें। फास्फोरस 130 ग्राम, पोटेशियम 500 ग्राम, कैन 800 , एम.ओ.पी. 800 ग्राम। फल गिरने के बचाव के लिए 2 4 डी की 2 ग्राम दवा 100 लीटर पानी में मिलाकर अप्रैल या मई के अंतिम सप्ताह में छिड़काव करें। पैक्लोब्यूट्राजोल 10 ग्राम प्रति पेड़ सितंबर से अक्टूबर ड्रिंच करें।
प्रश्न- आम में खाद एवं उर्वरकों की कितनी मात्रा होती है ?
उत्तर- अमोनिया सल्फेट, सुपर फास्फेट और म्युरेट ऑफ पोटाश का 1:3:1 का मिश्रण तैयार कर लिया जाता है और पौधे की आयु के हिसाब से उसकी नीचे लिखी मात्राएं प्रयोग की जाती हैं।
पौधे की आयु (वर्षो में)
उर्वरक-मिश्रण (कि.ग्रा)
गोबर की खाद (कि.ग्रा)
1
0.5
10
2
1
20
3
1
30
4
1.5
40
5
1.5
40
6-10
2 से 2.5
40
11 – 15
3 से 5
60
15 के ऊपर
5 से 10
60
तीन साल तक की आयु वाले पौधों के खाद, 2 खुराकों में क्रमश: मार्च और जून में देनी चाहिए। फल वाले वृक्षों में उर्वरकों के मिश्रण की आधी खुराक जुलाई के महीने में और शेष आधी खुराक अक्टूबर के महीने में दी जानी चाहिए।
प्रश्न- आम की मुलायम पत्तियां व शाखाओं से रस सूचने वाले कीट की राकथाम ?
उत्तर- जनवरी के महीने से या कली फटने की अवस्था से हर 20 दिन के अन्तर पर वृक्षों पर कोनफिडोर की 100 मि.ली दवा प्रति 200 लीटर पानी में मिलाकर या 0.2 प्रतिशत मैलाथियान का छिड़काव कम से कम दो-तीन बार अवश्य करें।
प्रश्न- आम के पौधों में उन कीड़ों की रोकथाम जो कोशिका से रस चूस लेते हैं, जिससे मुलायम शाखायें और मंजरियां सूख जाती हैं तथा अधपके फल गिर जाते हैं।
उत्तर- गर्मियों में पेड़ के आस-पास की मिट्टी की गुड़ाई करने से इस कीड़े के अण्डे नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा पौधें के मुख्य तने के जमीन के पास वाले भाग पर 30 से.मी. चौडी अल्काथीन या प्लांस्टिक की एक मिट्टी लपेट देने से व उस पर कोई चिकना पदार्थ लगाने से इस कीड़े के शिशु पेड़ पर नहीं चढ़ पाते। इसके अलावा पेड़ के चारों तरफ 2 प्रतिशत मिथाइल पैराथियान को पौधे के जड़ों में डालें।
प्रश्न- आम की गुठली में छेद करके उसे खाने वाली इल्ली की रोकथाम ?
उत्तर- इसकी रोकथाम के लिए जो भी फल पेड़ से गिर पड़े उसे तथा पेड़ की सूखी पत्तियों और शाखाओं को इकटठा करके नष्ट कर दें और क्लोरोपाइरीफास और साइपरमैथरीन के मिश्रण की 2 मि.ली दवा प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
प्रश्न- आम के पौधे में तने पर छिद्र करके जाला बुनने वाले कीट की रोकथाम?
उत्तर- इस कीट की रोकथाम के लिये इसके द्धारा बनाये गये छिद्रों को किसी पतले तार से साफ करके उनमें 0.3 से 0.4 प्रतिशत क्लोरोपाइरीफास में रूई भिगोकर छेद में डाल कर बंद कर देना चाहिए।
प्रश्न- आम के पौधे में कब और कितनी बार सिंचाई की जाती है ?
उत्तर- कम आयु वाले पौधों को गर्मियों के मौसम में हर सप्ताह और सर्दियों के मौसम में हर पखवाड़े सींचाना चाहिए। जिन वृक्षों पर फल आ रहे हो उन्हें फल आने की अवस्था से लेकर फलों के पकने की अवस्था तक हर 10 दिन के बाद सींचना चाहिए।
प्रश्न – आम के पत्तों पर सफेद चूर्ण पड़ने से मंजरियां और फूल सूखकर गिर जाते हैं। उपाय बताएं ?
उत्तर – इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते ही आम के पेडों पर 0.2 से 0.3 प्रतिशत वाले गंधक के घोल का छिड़काव करे। इसके अलावा 250 लीटर पानी में 500 ग्राम कैराथेन घोल का छिड़काव करें।
प्रश्न – आम के पत्तों, शाखाओं ओर फूलों जैसे मुलायम भागों पर गहरे भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। उपाय बताये ?
उत्तर – प्रभावित पौधों पर 0.2 प्रतिशत जिनैब का छिड़काव करें इसके 15 दिन बाद 0.3 प्रतिशत कॉपर आक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें।
प्रश्न – आम के उस रोग से रोकथाम जिसमें पूरा और नपुंसक फलों का एक ठोस गुच्छा बन जाता है।
उत्तर – प्रभातिव बौर और शाखाओं को तोड़ दें। इसके अलावा अक्टूबर के महीने में प्लेनोफिक्स की एक मिली. मात्रा 4.5 लीटर पानी का घोल बनाकर छिड़काव करें और कलियां आने की अवस्था में जनवरी के महीने में पेड़ के बौर तोड़ दें।
प्रश्न – आम के उस रोग का नियंत्रण जिसमें पत्तियां पीली पड़ जाती है और मुरझा जाती हैं
उत्तर – प्रभावित पौधों पर कार्बेन्डाजिम 25 ग्राम 10 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें एवं जड़ों के आस- पास डाल दें या डायथेन एम-45 की 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल का छिड़काव करें इसके 10 -15 बाद 0.5 प्रतिशत यूरिया का छिड़काव करें।
प्रश्न- 5 वर्ष के बीज जनित आम के पेड़ में फल नहीं लगने का कारण बताएं ?
उत्तर – आम के पेड़ जो बीज से जनित पेड़ होते हैं वो फल बहुत देर से देते हैं जब पेड़ आकार में भारी जो जातें हैं। इस तरह के पेड़ 10 साल बाद ही फल देना शुरू करते हैं।
प्रश्न – आम के पेड़ में पिछले पांच वर्षो से फल नहीं आ रहें हैं। उपाय बायें ?
उत्तर – आम की पुरानी शाखाएं काट दें तथा कटाई – छंटाई समय पर करें। इसमें पेड़ के तने से 2 फीट दूरी पर गड्ढ़ा किया जाता है और एक पेड़ में 3.0 ग्राम पेक्लोब्यूट्राजोल या कल्टार को मिट्टी में मिलाकर सितंबर के महिने में प्रति पेड़ की दर से डालना चाहिए तथा मिट्टी की जांच करायें।
प्रश्न- आम के पौधों में जड़ सड़न रोग की रोकथाम ?
उत्तर – खाद एवं उर्वरक देते समय ट्राइकोडर्मा की 4-5 ग्राम मात्रा प्रति किलो सड़ी हुई गोबर की खाद में मिला कर पौधे की जड़ों में दें तथा इसके साथ बाविस्टीन की 2 ग्राम प्रति लीटर पानी का घोल बनाकर दें।
प्रश्न – 8 वर्षीय आम के पेड़ में अच्छी फलत लगने के उपाय ?
उत्तर – गोबर की खाद लगभग 89 किलो, नाइट्रोजन 200 ग्राम ऑफ ईयर (फल न आने वाला वर्ष) में व ऑन ईयर (फल आने वाला वर्ष) में 400 ग्राम, अन्य सभी की मात्रा ऑन ईयर और ऑफ ईयर के लिए बराबर दें। फास्फोरस 130 ग्राम, पोटेशियम 500 ग्राम, कैन 800 , एम.ओ.पी. 800 ग्राम। फल गिरने के बचाव के लिए 2 4 डी की 2 ग्राम दवा 100 लीटर पानी में मिलाकर अप्रैल या मई के अंतिम सप्ताह में छिड़काव करें। पैक्लोब्यूट्राजोल 10 ग्राम प्रति पेड़ सितंबर से अक्टूबर ड्रिंच करें।
1 comment:
आम का आकार बहुत छोटा है. आमों किस्म dusheri है. कृपया हमारी मदद
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